देश के करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक राहत भरी खबर आई है।
															केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी – डीए में 3% की बढ़ोतरी, अब कुल 58%
देश के करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक राहत भरी खबर आई है।
1 जुलाई 2025 से केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) में 3% की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही अब डीए की कुल दर 58% हो गई है, जो हर केंद्रीय कर्मचारी के मूल वेतन (Basic Pay) पर लागू होगी।
															यह बदलाव कब से लागू है?
- 
लागू होने की तिथि: 1 जुलाई 2025
 - 
बढ़ोतरी की दर: 3%
 - 
नई डीए दर: अब कुल 58%
 
															📊 बढ़ोतरी का आधार क्या है?
इस बढ़ोतरी का आधार है AICPI-IW (All India Consumer Price Index for Industrial Workers) यानी देशभर के औद्योगिक कामगारों पर आधारित उपभोक्ता मूल्य सूचकांक।
जून 2025 में इस इंडेक्स में 1 अंक की बढ़ोतरी हुई और यह 145 पर पहुंच गया, जिससे यह 3% डीए वृद्धि तय हो गई।
👨💼 इससे किसे लाभ मिलेगा?
इस निर्णय से लगभग 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को सीधा फायदा मिलेगा।
यह केवल एक संख्या नहीं है — यह उन लोगों की राहत है, जो महंगाई से हर दिन जूझते हैं, और जिनकी मेहनत से यह देश चलता है।
															🔁 पिछली बार कब हुआ था डीए में इज़ाफा?
जनवरी 2025 में भी सरकार ने 2% डीए बढ़ाया था, जिससे दर 53% से बढ़कर 55% हो गई थी।
अब जुलाई 2025 की इस बढ़ोतरी के बाद यह 55% से सीधे 58% हो गई है।
🎆 घोषणा कब होगी?
हालांकि यह बढ़ोतरी जुलाई से लागू है, लेकिन औपचारिक घोषणा दीपावली के आस-पास होने की संभावना है।
सरकार की यह रणनीति साफ दर्शाती है कि वह त्योहारों से पहले कर्मचारियों के चेहरों पर मुस्कान लाना चाहती है।
															🧾 क्या यह 7वें वेतन आयोग के तहत अंतिम डीए बढ़ोतरी है?
जी हां, ऐसा माना जा रहा है कि यह डीए वृद्धि 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के अंतर्गत अंतिम हो सकती है, क्योंकि इसका कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है।
अब सबकी नजरें 8वें वेतन आयोग पर टिकी हैं, जिसकी सिफारिशें 2027 में लागू हो सकती हैं।
❤️ ब्लॉगर की बात – सिर्फ आंकड़े नहीं, राहत की खबर है ये
जब महंगाई हर घर की रसोई तक पहुंच चुकी है, तब यह 3% डीए बढ़ोतरी एक मामूली राहत जरूर है, लेकिन इसके पीछे छिपी भावना बहुत बड़ी है।
यह उन लाखों सरकारी सेवकों के सम्मान का प्रतीक है जो अपने कंधों पर इस देश की व्यवस्था उठाए हुए हैं।
ये सिर्फ वेतन नहीं बढ़ा — ये उस मेहनत की कद्र है, जो बिना किसी शोर के रोज़ सुबह 9 बजे ऑफिस की टेबल तक पहुंचती है।
और जो पेंशनर हैं, उनके लिए यह वृद्धावस्था में थोड़ी सी राहत है, एक सुकून की सांस है।
															📌 TheTrendClick.com आपको ऐसी ही इंसानी ज़रूरतों से जुड़ी सच्ची और संवेदनशील खबरें देता रहेगा।
आप हमारे पाठक नहीं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं।
